मेरे भाइयों बहिनों आज के समय में हम सब अपने लिए जीते हैं अपने बच्चों के लिए अपनी पत्नी के लिए अपने परिवार के लिए सब कुछ करते हैं लेकिन ...
*किसी के काम जो आये उसे इंसान कहते हैं
पराया दर्द अपनाये उसे इंसान कहते हैं
जो दूसरोंकी सेवा करना ना जाने किसी का दर्द ना समझे वह सच्चा इंसान कैसे हो सकता है ।
क्योंकि अपना पेट भरना तो जानवर भी जानते हैं क्योंकि आज हमारा समाज अपने दया धर्म ओर इंसानियत  को छोड़ रहा है ।
प्रिय साथियों हमारा संस्थान आज कई बर्षों से लगातार गरीब ,अनाथ, बेसहारा लोगों की सेवा में लगा हुआ है ।
आजतक हजारों असहाय गायों की सेवा एवं रक्षा तथा जरूरतमंदो को अन्न वस्त्र धन बर्तन दवाइयों की व्यवस्था अनाथ 
बच्चे जो स्कूल में होने चाहिए वो आज सड़क पर भीख मांगते है साथियों आप बिचार करिये हमारे देश का भविष्य क्या होगा 
हम अपने बच्चों के जन्मदिन पर शादी की बर्षगाँठ या किसी अन्य शुभअवसर पर हजारों लाखों रुपये ख़र्च करते है ।
लेकिन किसी भूखे को 2 रोटी नहीं खिला सकते । अगर आप बच्चे के नाम से या परिवार के किसी सदस्य के नाम से उनके 
जन्मदिन विवाहिक वर्षगाँठ ,या पुण्य तिथी पर किसी अनाथ बेसहारा भूखे को भोजन गायों को चारा पानी की सेवा करेंगे तो इससे बड़ा पुण्य कोई नहीं हो सकता ।
प्रिय साथियों आपसे निवेदन है आप बर्ष में एक बार यह पुण्य कार्य अवश्य करें और हमारी संस्था के सदस्य बनने के लिए ।
ऑनलाइन सदस्यता भी प्राप्त कर सकते है ।या हमारे नम्बरों पर सम्पर्क कर सकते हैं ।
हमारा संस्थान बिना किसी धर्म या जाति के भेदभाव को ना मानते हुए समाज की सेवा में 24घटें आपके साथ है ।

                                        बालप्रभुजी 
                                        महाराज

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